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दो सांपों की कथा – पंचतंत्र की कहानी

The Tale of Two Snakes Story In Hindi

घर का भेदी

एक नगर के राजा का नाम देव शक्ति था। एक बार किसी कारण वंश राजा के पुत्र के पेट में एक सांप घुस गया। राज्य के विद्वान से विद्वान वैद्यो द्वारा उसका उपचार होने लगा, किंतु उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया। राजकुमार का शरीर धीरे-धीरे क्षय होने लगा। अतः वह निराश होकर गृह राज्य छोड़कर अन्य राज्य में एक साधारण भिखारी की तरह एक मंदिर में रहने लगा।

Tale of Two Snakes Story In Hindi
The Tale of Two Snakes Story In Hindi

वह राज्य राजा बली का था। उसकी दो नौजवान सुंदर कन्याएं थी। वे दोनों प्रतिदिन अपने पिता को प्रणाम करने जाती। उनमें से एक राजा को नमस्कार करते हुए कहती “महाराज की जय हो, आपकी कृपा से संसार में सब कुशल मंगल है। दूसरी बोलती “महाराज! भगवान आपको अपने कर्मों का फल दे। राजा बलि दूसरी कन्या की बात सुनकर क्रोधित हो जाते।

एक दिन इसी क्रोध के कारण उसने अपने मंत्रियों को बुलवाया और कहा इस कन्या का विवाह किसी परदेसी भिखारी से कर दो। जिससे इसे अपने कर्मों का फल मिल जाएगा।

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मंत्रियों ने राजाज्ञा का पालन करते हुए उस कन्या का विवाह उस परदेसी राजकुमार भिखारी से कर दिया। राजकुमारी उसे अपना पति मान कर उसकी सेवा करती और दोनों ने उस राज्य को छोड़कर अन्यत्र एक तालाब के पास अपनी कुटिया बनाई।

एक दिन उसकी पत्नी पास ही के गांव से भोजन की सामग्री लेने गई हुई थी। जब वह सामग्री लेकर पुनः अपने आश्रय स्थल पर पहुंची तो उसने देखा कि उसका पति एक बिल के पास सोया हुआ था। उसके पति के मुख से एक फनियल सांप बाहर निकल कर हवा खा रहा था और उस बिल में से एक सांप बाहर आया और दोनों सांपों में बातचीत होने लगी।

बिल वाला सांप पेट वाले सांप से कहने लगा “दुष्ठ! इस राजकुमार के जीवन को क्यों नष्ट कर रहा है।”

पेट वाला सांप बोला “तुम भी तो इस बिल में पड़े स्वर्ण कलश को दूषित कर रहा है।”

बिल वाला सांप “क्या तु समझता है कि तुझे पेट से निकालने की दवा किसी को मालूम नहीं है। यदि कोई व्यक्ति राजकुमार को उकाली हुई कांजी की राई पिला दे तो तू पेट में ही मर जाएगा।”

इस प्रकार दोनों ने एक दूसरे के भेद खोल दिए। इन दोनों की बात राजकुमारी ध्यान से सुन रही थी। इनकी बताई विधियों से ही दोनों का नाश हो गया जिससे कारण राजकुमार भी निरोगी हो गया और उन दोनों की दरिद्रता भी स्वर्ण कलश से दूर हो गई। राजकुमार और राजकुमारी अपने राज्य को पुन: लौट गए।

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Sawai Singh
Sawai Singh
मेरा नाम सवाई सिंह हैं, मैंने दर्शनशास्त्र में एम.ए किया हैं। 2 वर्षों तक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में काम करने के बाद अब फुल टाइम फ्रीलांसिंग कर रहा हूँ। मुझे घुमने फिरने के अलावा हिंदी कंटेंट लिखने का शौक है।

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