सबसे अधिक कोमल कौन? (बेताल पच्चीसी ग्यारहवीं कहानी) | Sabse Adhik Komal Kaun Vikram Betal ki Kahani
कई बार कोशिश करने के बाद भी विक्रमादित्य बेताल को अपने साथ ले जाने में असफल हुए। फिर भी उन्होंने हार नही मानी और पेड़ के पास जाकर बेताल को पकड़कर अपने कंधे पर बिठाकर ले गए। अब शर्त के अनुसार बेताल ने फिर से कहानी सुनाना शुरू कर दिया और इस बार कहानी थी-सबसे अधिक कोमल कौन?
सबसे अधिक कोमल कौन? (बेताल पच्चीसी ग्यारहवीं कहानी)
गौड़ नामक देश मे वर्धमान नाम की एक नगरी थी, जहाँ पर गुणशेखर नामक राजा राज करता था। उसके अभयचन्द्र नामक एक दिवान था।
दिवान के कहने पर राजा ने अपने राज्य में गोदान, भूदान, शिवपूजन, विष्णुपुजा और पिंडदान करना बंद करा दिया और ये एलान कर दिया कि जो भी ऐसा करेगा उसे देश से निकाल दिया जाएगा।
एकदिन बातचीत के दौरान दिवान ने राजा से कहा कि, महाराज अगर कोई किसी को दुःख पहुंचाता है या प्राण लेता है तो पाप से उसका पीछा कभी नहीं छूटता है। वह दोबारा जन्म लेगा और उसे भुगतान करना पड़ेगा इसलिए मनुष्य का जीवन पाकर सदैव धर्म करना चाहिए।
इंसान को चींटी से लेकर हाथी तक सबकी रक्षा करनी चाहिए। जो लोग दूसरे लोगों के साथ अन्याय करते है उनकी उम्र घटती जाती है और अगले जन्म में वे लूले-लंगडे, काने-बहरे पैदा होते है।
ये बात राजा के जहन में बैठ गई। उसने कहा ठीक है अब वह वैसा ही करता जैसा दिवान कहता था। एक दिन राजा की असमय मृत्यु हो गई उसकी जगह उसका बेटा धर्मराज गद्दी पर बैठा।एक दिन उसने किसी बात पर नाराज होकर दीवान को नगर से बाहर निकलवा दिया।
एक दिन धर्मराज अपनी तीनों रानियां इंदुलेखा, तारावती, मृगावती के साथ बाग में घूमने निकला तो, वहाँ पर इंदुलेखा के बाल अटक जाते है और एक कमल का फूल उसकी जांघ पर गिरता है। फूल से उसकी जांघ पर गहरा घाव लग जाता है। बहुत इलाज करने पर वह ठीक हुई।
एक दिन तारावती छत पर चाँदनी रात को सो रही थी, तब चांदनी उसके शरीर पर गिरी तो उसके शरीर पर फफोले हो गए। बहुत इलाज कराने पर वह ठीक हुई।
फिर एक दिन किसी के घर मे मुसले के बजने की आवाज आई। उसे सुनकर रानी मृगावती के शरीर मे छाले हो गए। राजा ने उसका भी बहुत इलाज कराया तो वह ठीक हुई।
फिर बेताल ने राजा से पूछा कि बताओ कौन सबसे अधिक कोमल है।
राजा ने कहा कि रानी मृगावती सबसे ज्यादा सुकुमारी है क्योंकि मुसले के सुनने मात्र से ही उसके शरीर मे छाले पड़ गए जबकि अन्य दोनों रानियों के घाव और फफोले हुए थे।
इतने में बेताल पेड़ पर जा लटका और राजा उसे पकड़कर लाया और अगली कहानी सुनने लगा।
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