Biography of Nida Fazli in Hindi: जब कभी भी भारत के मशहूर शायर की बात की जाती है तो उनमें निदा फ़ाज़ली भी एक बहुत ही अच्छे पोजीशन पर आते हैं। क्योंकि निदा फ़ाज़ली भी एक जाने-माने शायर हैं। निदा फ़ाज़ली एक ऐसे शायर थे, जिन्होंने अपने बोलने की क्षमता और अपनी शैली के माध्यम से संपूर्ण विश्व पर अपनी एक छाप छोड़ी है।
निदा फ़ाज़ली एक मशहूर शायर है, इनका नाम विश्व के अनेक शायर में एक होता था। निदा फ़ाज़ली की तो निदा फाजली संपूर्ण भारतवर्ष में अपनी लोगों के दिलों में एक अच्छी जगह बना चुके हैं। निदा फ़ाज़ली जन्मे तो भारत में ही थे, परंतु भारत के विभाजन के बाद से पाकिस्तान में चले गए। परंतु उन्होंने पाकिस्तान में रहना पसंद नहीं किया। निदा फ़ाज़ली अपने परिवार के साथ दिल्ली में आकर रहने लगे थे। निदा फ़ाज़ली एक शायर तो थे ही उसके साथ-साथ एक गीत के लेखक भी थे।
इस लेख में हम निदा फ़ाज़ली कौन है? निदा फ़ाज़ली का जन्म? और निदा फ़ाज़ली के करियर इत्यादि के बारे में हम चर्चा करेंगे। यदि आप निदा फ़ाज़ली के जीवन परिचय के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख को अवश्य पढ़ें।
निदा फाज़ली का जीवन परिचय | Biography of Nida Fazli in Hindi
निदा फाजली के बारे जानकारी एक नजर में
नाम | निदा फ़ाज़ली |
जन्म | 12 अक्टूबर 1938 |
जन्म स्थान | दिल्ली |
पिता | मुर्तजा हुसैन बैदी |
माता | जमील फातिमा |
पत्नी | मालती जोशी फाजली |
पेशा | शायर |
मृत्यु | 18 फरवरी 2016 |
निदा फ़ाज़ली कौन थे?
निदा फ़ाज़ली हिंदी और उर्दू भाषा के बहुत ही मशहूर शायर और गीतकार है। निदा फ़ाज़ली मुंबई में वर्ष 1964 में अपने करियर की शुरुआत करने के लिए आए थे। निदा फ़ाज़ली ने अपने काव्य शैली में फिल्म निर्माताओं और हिंदी उर्दू साहित्य लेखकों को अपनी तरफ बहुत ही आकर्षित किया।
निदा फाजली अपनी शायरी को इतने अच्छे अंदाज में बोलते थे कि सभी फिल्म निर्माताओं और डायरेक्टरों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया करते थे। मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली ने फिल्म सरफरोश, सुल्तान, रजिया सुल्तान जैसी फिल्मों में बहुत ही बेहतरीन गीत लिखे हैं। निदा फ़ाज़ली ने ना केवल फिल्मों के लिए बल्कि टीवी धारावाहिकों के लिए शीर्षक गीत लिखे हैं।
निदा फ़ाज़ली का जन्म
निदा फ़ाज़ली का जन्म वर्ष 1938 ईस्वी को 12 अक्टूबर को हुआ था। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि निदा फ़ाज़ली के पूर्वज पाकिस्तान चले गए थे, परंतु बाद में भारत के दिल्ली में आकर रहने लगे, इसी बीच निदा फ़ाज़ली का जन्म दिल्ली में ही हुआ था।
निदा फ़ाज़ली का वास्तविक नाम इनके माता-पिता के द्वारा मुक्तादा हसन निदा रखा गया था। इनके पिता का नाम मुर्तुजा हसन था और वहीं दूसरी तरफ इनकी माता जी का नाम जमील फातिमा था। निदा फ़ाज़ली के पिता भी एक बहुत ही मशहूर शायर थे, जो भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। निदा फ़ाज़ली के पत्नी का नाम मालती जोशी फाजली है, इनसे निदा फ़ाज़ली को एक पुत्री भी हुई, जिसका नाम तहरीर है।
निदा फ़ाज़ली को कहां तक की शिक्षा प्राप्त है?
हमने अनेक खोज के उपरांत मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली की शिक्षा के विषय में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी आपके समक्ष लेकर के प्रस्तुत हुए हैं। निदा फाजली ने अपनी स्कूली शिक्षा को ग्वालियर से प्राप्त किया था और इसके बाद उन्होंने ग्वालियर की ही एक विद्यालय विक्टोरिया कॉलेज से स्नातकोत्तर तक की परीक्षा को उत्तीर्ण की है। निदा फ़ाज़ली ने इसके अनुसार स्नातकोत्तर तक की डिग्री प्राप्त कर रखी है।
निदा फ़ाज़ली ने अपने करियर की शुरुआत कब की?
निदा फाजली ने 1964 में मुंबई आकर के अपने करियर की शुरुआत के लिए भरपूर प्रयास करना शुरू कर दिया। निदा फाजली ने धर्मयुग पत्रिका और ब्रिज जैसे अखबारों में भी कार्य कर चुके हैं। निदा फ़ाज़ली की काव्य शैली ने फिल्म के निर्माताओं और लेखकों को अपनी तरफ काफी आकर्षित किया है।
फिल्म के प्रोड्यूसर निर्देशक लेखक और कमाल अमरोही उन दिनों फिल्म रजिया सुल्तान बनाने में लगे हुए थे। उनके द्वारा बनाए जा रहे रजिया सुल्तान फिल्म में अभिनेत्री हेमा मालिनी और अभिनेता धर्मेंद्र अभिनीत शामिल थे। इस फिल्म के गीत को एक लेखक जानिसार अख्तर लिख रहे थे। जानिसार अख्तर का आकस्मिक निधन हो गया। जानिसार अख्तर ग्वालियर से ही संबंध रखते थे, उन्होंने इस फिल्म के लेखक कमाल अमरोही जी को निदा फ़ाज़ली के बारे में बताया, उन्होंने यह बताया कि निदा फ़ाज़ली शत प्रतिशत शुद्ध उर्दू बोलने में बहुत ही निपुण है।
जानिसार अख्तर के बताने के बाद कमाल अमरोही ने निदा फ़ाज़ली से बात की और इनसे बात करने के पश्चात निदा फाजली ने इस फिल्म के शेष रहे दो गानों को लिखा। इस प्रकार निदा फाजली ने अपने फिल्मी गीत लेखन को लिखना शुरू कर दिया, इसके पश्चात निदा फ़ाज़ली ने कई हिंदी फिल्मों के लिए गाने लिखें।
निदा फ़ाज़ली ने अपनी पुस्तक “मुलाकातें” में उस समय के कई स्थापित लेखक अर्थात बहुत ही प्रसिद्ध लेखकों के विषय में लिखा। उन्होंने अपनी इस किताब में भारतीय लेखन के दरबारी करण को बहुत ही उजागर कर दिया। जिसके माध्यम से उन्होंने यह दर्शाया कि लोग धनवान और राजनीतिक अधिकार युक्त लोगों से अपने संपर्कों के आधार पर किस प्रकार से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त करते हैं। हालांकि निदा फ़ाज़ली की इस पुस्तक का काफी विरोध भी हुआ था, परंतु ऐसे कई स्थापित लेखों ने निदा फ़ाज़ली का बहिष्कार भी कर दिया और निदा फ़ाज़ली को किसी महत्वपूर्ण सम्मेलन में सम्मिलित होने से साफ मना कर दिया।
जब निदा फ़ाज़ली पाकिस्तान गए तो एक मुसलमानी शायरी कहने के बाद कट्टरपंथी मुसलमानों ने उनका घेराव कर लिया और उनके लिखे शायरी पर अपना बहुत ही विरोध प्रकट करने लगे और उन्होंने पूछा कि क्या निदा फ़ाज़ली किसी बच्चे को अल्लाह से बड़ा समझते हैं। इस प्रश्न का उत्तर निदा फ़ाज़ली ने बड़ी सुगमता से दे दिया कि मैं केवल इतना जानता हूं कि मस्जिद इंसान के हाथ बनाते हैं, जबकि बच्चे अल्लाह के हाथों से बनता है। निदा फाजली के द्वारा मुसलमानों के मध्य प्रस्तुत किया गया यह शेर है:
घर से मस्जिद है बड़ी दूर चलो यह कर ले.
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए..
निदा फाजली के द्वारा लिखित महत्वपूर्ण रचनाएं
निदा फ़ाज़ली एक मशहूर शायर होने के साथ-साथ एक बहुत ही मशहूर लेखक भी हैं। निदा फाजली के द्वारा लिखित कुछ रचनाएं नीचे लिखित रूप से दर्शाई गई हैं, कृपया इसे बड़े ही ध्यान पूर्वक से पढ़ें।
निदा फ़ाज़ली का काव्य संग्रह
- मोर नाच
- खोया हुआ सा कुछ
- लफ्जों के फूल
- आंख और ख्वाब में दरमियां
- आंखों भर आकाश
निदा फ़ाज़ली द्वारा रचित संस्मरण
- मुलाकातें
- तमाशा मेरे आगे
- सफर में धूप तो होगी
निदा फ़ाज़ली की आत्म कथाएं
- दीवारों के बाहर
- निदा फ़ाज़ली
- दीवारों के बीच
निदा फ़ाज़ली द्वारा संपादन
- बशीर बद्र नई ग़ज़ल का एक नाम
- दाग देहलवी ग़ज़ल का एक स्कूल
- जिगर मुरादाबादी मोहब्बतों का शायर
- जानिसार अख्तर एक जवान मौत
- मोहम्मद अल्वी शब्दों का चित्रकार
निदा फ़ाज़ली द्वारा रचित महत्वपूर्ण गीत
- आई जंजीर की झंकार खुदा खैर करे (फिल्म रजिया सुल्तान)
- तेरा हजरत मेरा नसीब है तेरा गम मेरी हयात है (फिल्म रजिया सुल्तान)
- दुनिया जिसे कहते हैं मिट्टी का खिलौना है (गजल)
- अपना गम लेके कहीं और न जाया जाए (गजल)
- हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी (गजल)
- चुप तुम रहो चुप हम रहे (फिल्म रात की सुबह नहीं)
- होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है (फिल्म सरफरोश)
निदा फाजली को प्राप्त पुरस्कार
निदा फ़ाज़ली जी को अनेकों प्रकार के पुरस्कार प्राप्त हैं, जिनमें से उनके कुछ पुरस्कारों के नाम निश्चित रूप से दर्शाया गया है:
- नेशनल हारमोनी अवॉर्ड्स
- साहित्य अकादमी पुरस्कार
- खुसरो पुरस्कार
- बॉलीवुड मूवी पुरस्कार
- बिहार उर्दू पुरस्कार
- महाराष्ट्र उर्दू अकादमी पुरस्कार
- उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार
- मध्य प्रदेश मीर पुरस्कार
- स्टार स्क्रीन पुरस्कार
- हिंदू उर्दू संगम पुरस्कार
- कला संगम पुरस्कार
निदा फाजली जी की मृत्यु कब हुई थी?
निदा फ़ाज़ली जी की मृत्यु एक सामयिक मृत्यु थी। ऐसे में निदा फ़ाज़ली जी की मृत्यु 18 फरवरी वर्ष 2016 को हुई थी।
मशहूर शायर और गीत लेखक।
12 अक्टूबर 1938
हिंदू और उर्दू भाषा।
रजिया सुल्तान।
18 फरवरी 2016
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि आपको “निदा फ़ाज़ली बायोग्राफी (Biography of Nida Fazli in Hindi)” काफी पसंद आई होगी। कृपया इसे अवश्य शेयर करें और यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी भी प्रकार का सवाल या फिर सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं।
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