Bhinn Kise Kahate Hain: गणित में विभिन्न प्रकार के ऐसे शब्द होते है, जिनका अर्थ हमें जानना काफी आवश्यक होता है ताकि आप विभिन्न प्रकार के गणितीय सवालों को हल कर सके। जब हम गणित के कुछ महत्वपूर्ण शब्द की बात करते है तो उनमें से एक भिन्न भी आता है, चाहे रोजमर्रा के जीवन में कोई हिसाब किताब करने की बात हो या किसी परीक्षा को पास करने की हर जगह आप से भिन्न के प्रश्न गणित में अवश्य पूछे जाएंगे।
इस वजह से भिन्न किसे कहते हैं? (Bhinn Kise Kahate Hain), परिभाषा, उदाहरण, प्रकार, सूत्र, ट्रिक्स, संक्रियाएँ एवं चित्रमय निरूपण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी होना आवश्यक है और आज के लेख में हम आपके इसी जिज्ञासा का अंत करेंगे।
आपको भिन्न शब्द पहली बार आप छठी कक्षा में पड़े होंगे। गणित की किताब में बच्चों को सबसे पहले बताया जाता है कि किस प्रकार किसी चीज का बंटवारा किया जाए हमारे आसपास मौजूद किसी भी चीज से का बराबर हिस्से में बंटवारा करते वक्त कुछ सिद्धांत और नियम का पालन करना पड़ता है, जिससे गणित का एक नया अध्याय भिन्न की उत्पत्ति होती है।
भिन्न किसे कहते हैं? (प्रकार, सूत्र, संक्रियाएँ एवं चित्रमय निरूपण) | Bhinn Kise Kahate Hain
भिन्न की परिभाषा (fraction in hindi)
जब हम किसी चीज को बराबर हिस्सों में विभाजित करते है तो उसे भिन्न कहा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो जब हम किसी एक चीज को हिस्सों में विभाजित करते है तो वह एक हिस्सा पूरे प्रारूप का भिन्न कहलाता है।
इस भिन्न को p/q के रूप में लिखा जाता है, जहां इसका अर्थ होता है कि p को q हिस्सों में विभाजित किया गया है। उदाहरण के तौर पर जब हम चार को दो हिस्सों में विभाजित करेंगे तो 4/2 लिखेंगे।
जब हम किसी चीज को इस तरह हिस्सों में विभाजित करें तो ऐसी परिस्थिति में एक बात याद रखें कि कभी भी शून्य स्थिति में विभाजित नहीं की जा सकती अर्थात p/q में q कभी भी 0 नहीं हो सकता।
उधहरण – 1/2, 3/4, 5/6, 8/3, 4/5 आदि।
भिन्न के भाग
आपको बता दें कि जब हम किसी चीज को भाग में विभाजित करते हैं तो उसके कुछ अंश होते हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए।
भिन्न के 2 अंग होते है।
- अंस
- हर
अंस
जैसा कि हमने आपको बताया चीजों को विभाजित करने को भिन्न कहते है तो हम जिस चीज को विभाजित कर रहे है, उसे अंश कहा जाता है और भी सरल शब्दों में कहें तो बिन को p/q के रूप में लिखा जाता है और इस तरह के रूप में लिखे गए किसी भिन्न में ऊपर वाले हिस्से को अर्थात p को अंश कहते हैं।
हर
किसी भिन्न में किसी चीज का कितना हिस्सा किया गया या किसी चीज को कितने हिस्सों में बांटा गया, इसकी जानकारी हर से मिलती है। सरल शब्दों में कहें तो p/q के रूप में लिखे गए भिन्न में q को हर कहते है।
भिन्न की कुछ महत्वपूर्ण बातें
भिन्न के बारे में अधिक जानकारी लेने से पहले आपको भिन्न के कुछ रूप रेखा के बारे में पता होना चाहिए, इस वजह से इसके कुछ गुण धर्म को नीचे बताया गया है, उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- किसी भी भिन्न को व्यक्त करने के लिए दोनों संख्या के मध्य में एक रेखा खींची जाती है, जिसे बट्टा कहते हैं।
- भिन्न में बटा के नीचे वाली संख्या कभी शून्य नहीं हो सकती अन्यथा उस दिन का मान अनगिनत हो जाता है।
- किसी दिन के ऊपर वाली संख्या को अंश और नीचे वाली संख्या को हार कहते हैं।
- किसी पूर्ण संख्या के नीचे बट्टा लगा कर एक लिखकर हम उस पूर्ण संख्या भिन्न में दिखा सकते हैं।
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भिन्न के प्रकार (bhinn ke prakar)
गणित में किसी चीज को विभाजित करने की प्रक्रिया को छह अलग-अलग प्रकार में विभाजित किया गया है, जिस वजह से भिन्न के छह प्रकार होते हैं।
- दसमलाव भिन्न
- उचित भिन्न
- अनुचित भिन्न जिसे विषम भिन्न भी कहते हैं
- संयुक्त भिन्न
- इकाई भिन्न
- व्युत्क्रम भिन्न
दशमलव भिन्न
वैसे तो हम गणित के किसी भी भिन्न को दशमलव में व्यक्त कर सकते हैं। मगर खास तौर पर वह सारे धंधे जिनके हर में 10 या 10 का कोई भी घात होता है, उसे दशमलव भिन्न कहा जाता है।
जब किसी भिन्न के हर में 10 या 10 से भाग जाने वाली कोई भी संख्या होती है तो उसे दशमलव में व्यक्त करना काफी सरल होता है केवल एक के बाद जितने सुन्य दिए हो उनकी गिनती करके अंश में दाहिने से बाए की ओर उतनी ही गिनती करके एक दशमलव लगा दे।
उदाहरण के तौर पर – 1/10000, 1/10, 2/100, 5/100000, 8/10000
हार में केवल वैसी ही संख्या रखें जो 10 से भाग जा सकती है और उसके बाद आपको जो भी भिन्न दिखेगा वह एक दशमलव भिन्न होगा।
उचित भिन्न
जब हम किसी चीज को भिन्न में लिखते है तो इसका एक अर्थ होता है कि हर से अंश को भाग देना है। जब इस प्रक्रिया में हम आगे बढ़े और हर से अंश को भाग देने पर भागफल सुन्य ना आए तो हम इसे उचित भिन्न कहते है। सरल शब्दों में कहें तो जब अंस हर से छोटा हो तो उसे उचित भिन्न कहते हैं।
उदाहरण के तौर – ½, ¾, 5/9, 7/25,
अंश की कोई भी संख्या हर से अगर छोटी है तो इसे हम उचित भिन्न कहते हैं।
अनुचित भिन्न
एक ऐसा भिन्न जहां अंश की संख्या हर से अधिक हो तो उसे हम अनुचित भिन्न कहते हैं। ऐसी कोई भी भिन्न जहां अंश में मौजूद कोई भी संख्या हर से काफी अधिक हो तो उसे हम एक अनुचित भिन्न कहेंगे। इस प्रकार के भिन्न को विषम भिन्न भी कहते हैं।
उदाहरण के तौर पर – 6/5, 8/7, 9/3, 5/4, 9/7
संयुक्त भिन्न
एक ऐसा भिन्न जिसमें आपको एक पूर्णांक संख्या मिलेगी। साथ ही एक ऐसा भिन्न होगा, जिसमें हर की संख्या अधिक होगी। सरल शब्दों में कहें तो जब हम पूर्णांक संख्या को किसी उचित भिन्न से जुड़ेंगे तो जो मिलेगा उसे हम संयुक्त भिन्न कहेंगे।
उदाहरण के तौर पर – 1⅔, 5⅘, 8¾
इकाई भिन्न
एक ऐसा दिन जिसके अंश की संख्या हमेशा एक होती है, उसे इकाई भिन्न कहते हैं। ऐसे में याद रखें कि एक को इकाई भिन्न माना जाता है क्योंकि हम जानते हैं किसी भी भिन्न के हार में अगर एक लगा दिया जाए तो वह एक भिन्न बन जाता है।
उदाहरण के तौर पर – ½, ⅓, ⅕, ⅙,
जब भी किसी भिन्न के अंश में 1 लिखा देखें तो समझ जाए कि वह एक इकाई भिन्न है।
व्युत्क्रम भिन्न
व्युत्क्रम का अर्थ होता है उल्टा अर्थात कोई भी फिल्म को अगर आप उल्टा कर दें तो वह एक व्युत्क्रम भिन्न बन जाता है। जैसे 1/2 को उल्टा करके 2/1 लिखा जा सकता है तो यह उसका व्युत्क्रम भिन्न होगा।
उदाहरण के तौर पर – ⅔ का व्युत्क्रम भिन्न 3/2 होगा।
भीम की संक्रियाएँ
भिन्न को समझने के बाद आपको यह समझना चाहिए कि हम किसी भिन्न में जोड़ घटा हो इस प्रकार कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को समझने के लिए भिन्न की संक्रियाएँ बताई गई हैं।
भिन्न का जोड़
भिन्न को दो प्रकार से जोड़ा जाता है पहला अगर भिन्न का हर एक समान हो और दूसरा अगर भिन्न का हर एक समान ना हो।
अगर किसी भिन्न का हर एक समान हो और उन दोनों को जोड़ना हो तो अंश को जोड़कर एक समान भिन्न लिख देना ही उसका जोड़ होगा।
उदाहरण
- ⅔ + 4/3 = 6/3
- ⅚ + 7/6 = 12/6
- 3/9 + 4/9 = 7/9
जब हम उन सभी भिन्न को जोड़ेंगे, जिनके हर की संख्या एक समान नहीं होती तो नीचे दिए गए निर्देशों का आदेश अनुसार पालन करें।
सबसे पहले आपको जितने भी भिन्न को जोड़ना है, उन सभी के हर का लघुत्तम निकाल लें। उस लघुत्तम को प्रत्येक के हर से भाग दें और प्रतेक के अंश के साथ गुना करें।
उदाहरण
⅔ + ⅚ = 27/18 or 9/6
यहां हमने 3 और 6 का लघुत्तम लिया, जिसका फल हमें 6 मिला। उसके बाद उस लघुत्तम को प्रत्येक के हर के साथ भाग देना है अर्थात 6 को 3 से भाग देंगे तो 2 आएगा, उस 2 को जब हम पहले वाले भिन्न के अंश से गुना करेंगे तो हमें 4 मिलेगा।
वैसे ही लघुत्तम में आए 6 को दूसरे दिन के 6 से भाग देंगे, जिसका फल हमें 1 मिलेगा और उसके बाद उसे दूसरे भिन्न के अंश के साथ गुना करेंगे तो हमें 5 मिलेगा।
तो जब हम इस प्रक्रिया में करेंगे और उन दोनों फल को जोड़ेंगे तो हमें 9/6 मिलेगा जो कि उन दोनो भिन्न का जवाब है।
भिन्न का घटाओ
दो भिन्न को जब हम घट आएंगे तो इसके लिए ऊपर बताए गए प्रक्रिया और आदेश का इस्तेमाल करें केवल जोड़ के निशान की जगह घटाओ के निशान का इस्तेमाल करें।
भिन्न का गुणा
अगर दो भिन्न को गुणा करना हो तो ऐसी परिस्थिति में आप को आमने-सामने के सभी हर को गुणा करना है और ऊपर के आमने सामने मौजूद सभी अंश को गुणा करना है। याद रखें इस प्रक्रिया में अंश का गुनाह केवल अंश के साथ होगा और हर का गुण केवल हर के साथ होगा।
- ⅔ X ¾ = 6/12
- ⅘ X ⅚ = 20/30
भिन्न का भाग
अगर आपको दो या दो से अधिक दिन को अगर / होगा तो ऐसी परिस्थिति है। आपको दिए गए भिन्न में से किसी एक दिन को ऐसी ही रहने दें और दूसरे भिन्न को उल्टा कर दें।
जब दो भिन्न को भाग देना होता है तो एक दिन को वैसे ही छोड़ देते हैं और दूसरे दिन का व्युत्क्रम निकालकर गुना कर देते है।
FAQ
जब दो या दो से अधिक भिन्न का भाग देना होता है तो सबसे पहले हम दो भिन्न का भाग देते हैं, जिसमें से 1 दिन को वैसे ही छोड़ देते हैं और दूसरे दिन का व्युत्क्रम निकाल देते है और उसके बाद इन दोनों को गुना कर देते हैं।
अगर किसी भिन्न में अंश बड़ा हो तो हम इसे अनुचित भिन्न कहते है।
अगर किसी भिन्न में हर बड़ा होता है तो हम उसे उचित भिन्न कहते हैं।
निष्कर्ष
हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को भिन्न की परिभाषा क्या है? के बारे में विस्तार पूर्वक पर जानकारी प्रदान की हुई है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई आज की या जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी सिद्ध हुई होगी और आपको यह जानकारी भी आसानी से समझ में आ गई होगी।
अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवाल या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हो हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे और हमारे इस महत्वपूर्ण लेख को अंतिम तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आपका कीमती समय शुभ हो।
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