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बदसूरत बत्तख की कहानी

Ugly Duckling Story in Hindi: नमस्कार दोस्तों, हम आपके सामने एक नई कहानी लेकर आये हैं, जिसे पढ़कर आप को अत्यधिक आनंद प्राप्त होगा और आप इस कहानी से कुछ नया सीख पाएंगे।

Ugly Duckling Story in Hindi
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बदसूरत बत्तख की कहानी | Ugly Duckling Story in Hindi

गर्मियों का मौसम में दोपहर का समय था, हल्की हल्की हवा चल रही थी। चिड़िया पेड़ों पर बैठकर चहचाहा रही थी, चारों तरफ शांत माहौल था। तभी एक मादा बत्तख़ ने एक पेड़ के नीचे छाया में अपने अंडे दिए। अंडों की संख्या पांच थी। मादा बत्तख़ बहुत खुश थी परंतु उसे कुछ देर के बाद कुछ अजीब लगा।

उसने देखा कि सारे अंडे एक जैसे है परंतु उसमें से एक अंडा अलग दिख रहा है। वह अत्यधिक चिंतित हुई कुछ समय पश्चात उसने सोचा कि शायद इस अंडे से निकलने वाला बच्चा ओर भी सुंदर होगा। ऐसा सोच कर वह और भी खुश हो गई और अपने खाने की तलाश में बाहर निकल गयी।

एक दिन बत्तख़ घूम कर वापस अपने घोंसले में आई और उसने देखा कि उसके अण्डे फूटना शुरू हो गए। यह देखकर बत्तख़ खुश हुई, सभी अंडे फूट गए और उनमें से बच्चे बाहर आ गए, सभी बच्चे अत्यंत सुंदर थे। परंतु उन पांचों अंडों में से एक अंडा नहीं फूटा, जो बदसूरत था। बत्तख़ चिंतित हुई, उसने सोचा शायद इस अंडे में होने वाला बच्चा और भी सुंदर होगा। यह सोच कर बत्तख और ज्यादा खुश हुई और रोज की तरह फिर से चुगने चली गई।

शाम को जब वापस आई तब उसका पांचवा अंडा फूट रहा था, उसमें से जो बच्चा निकला उसे देखकर बत्तख़ अत्यंत  निराश और उदास हो गई क्योंकि उससे निकलने वाला बच्चा अत्यंत बदसूरत था और बाकी बच्चों से बड़ा भी था। मादा बत्तख़ यह सोच कर फिर से खुश जाती हैं कि शायद यह आगे चलकर अपने भाई बहनों से ज्यादा सुंदर हो जाएगा।

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दिन बीतते गए, परन्तु वह बच्चा बदसूरत ही रहा। उसके साथ बाकी के बत्तख़ बच्चे खेलने भी नहीं जाते थे, इसलिए वह उदास अकेले बैठा रहता था। उसने एक दिन एक तालाब के किनारे जा कर अपनी सकल देखी और उसे अपनी सकल पर बहुत गुस्सा आया।

उसने भगवान से कहा प्रभु आपने मुझे ही क्यों इतना बदसूरत बनाया है और यह कहकर वह जंगल की ओर निकल गया। चलते चलते वह एक पेड़ के नीचे जाकर रुका और आराम करने लगा। कुछ समय पश्चात उसे भूख लगी और वह खाने की तलाश में फिर से बाहर निकला और वापस फिर से जल्दी नीचे आ गया। कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा।

समय बदला, महीने बदले, गर्मी से सर्दी का मौसम आ गया। चारों तरफ कोहरा छाया ठंडी ठंडी हवाएं चलने लगी थी। आप उस बदसूरत बत्तख़ के पास अपने खुद को गर्म करने के लिए कुछ नहीं था। उसने एक बत्तख़ के परिवार से मदद मांगी, बतख के परिवार ने मदद देने से इनकार कर दिया, वह मुर्गी के परिवार के पास गया। मुर्गियों ने उसे मदद नहीं की और भगा दिया।

वह बत्तख़ एक रास्ते से गुजर रहा था, कुछ कुत्ते उसे दिखे, कुत्ते भी देख कर भाग गए। वह और भी उदास और निराश हुआ, उसने सोचा मैं इतना बदसूरत हूं कि कुत्ते भी मुझे नहीं खाना चाहता है। अब दुखी होकर अपने उसी पेड़ के नीचे चला गया।

रोज की तरह वह दिन में फिर से खाने की तलाश में बाहर निकला। उसे रास्ते में किसान आदमी ने उठा लिया और उसे अपने घर ले गया। उसे खाना खिलाया और खूब सेवा की परंतु उसके घर में एक बिल्ली रहती थी। उस बिल्ली ने बदसूरत बत्तख़ को बहुत परेशान किया। उसने उस किसान का घर भी छोड़ दिया।

अब वह जंगल की ओर निकल गया। कुछ दूर जाने के बाद उसे एक नदी दिखी, जिसमें बहुत ही बहुत चमकदार पानी दिख रहा था। वह प्यासा भी था, उसने नदी में छलांग लगा दी और अपनी प्यास बुझाई और उसी में स्नान किया। कुछ दूर नदी के किनारे एक सुंदर राजहंसी दिखी, वह उसकी सुंदरता पर फिदा हो गया। उस राजहंस से  प्रेम हो गया।

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परंतु वह बदसूरत था, इसलिए उसने राजहंसी से अपनी दिल की बात नहीं कही। लेकिन उसने नदी से निकलने के लिए जैसे ही अपना कदम बढ़ाया उसकी नजर एक बार फिर से पानी की और गई। उसने देखा कि वह अब बदसूरत नहीं रहा, एक सुंदर और नौजवान राजहंस बन गया था। वह बहुत खुश हुआ और जोर-जोर से नाचने गाने लगा। ऐसा देखकर राजहंसी को भी राजहंस प्रेम हो गया।

बदसूरत बत्तख अब राज हंस बन चुका था, उसे लगने लगा कि वह अब अपने भाइयों से बेहतर हो गया है और सबसे अलग भी हो गया। ऐसा सोच कर वह बहुत खुश हुआ और उसने उस राजहँसी से विवाह किया और अपना जीवन सुखी से व्यतीत करने लगा।

शिक्षा- इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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