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बादशाह अकबर का अजीब सपना (अकबर बीरबल की कहानी)

बादशाह अकबर का अजीब सपना (अकबर बीरबल की कहानी) – Badshah Akbar ka Sapna

एक समय की बात हैं, बादशाह अकबर रात्री भोजन के बाद सोने के लिए गये। बादशाह अकबर गहरी निंद्रा में चले जाते हैं, वह मध्य रात्री में एक अजीब सा सपना देखते हैं। इस सपने की वजह से बादशाह की नींद अचानक से खुल जाती है। बादशाह इस सपने का मतबल समझ नहीं पाते है, इसी परेशानी के कारण उन्हें पूरी रात नींद नहीं आई।

सुबह बादशाह अपने दरबार में जाते हैं और वहां पर सभी को बादशाह बहुत परेशान नज़र आते हैं। बादशाह के चेहरे पर परेशानी साफ दिखाई दे रही थी।

Badshah Akbar ka Sapna
Badshah Akbar ka Sapna

बादशाह अकबर से उनके मंत्रियों ने उनके परेशानी का कारण पूछा।

बादशाह रात में आये सपने को सभी मंत्रियों के सामने सुनाते है “रात को मैंने एक अजीब सपना देखा, जिसमें मेरे सारे दाँत टूट जाते हैं, पीछे सिर्फ एक दांत ही बचता है।”

बादशाह ने सभी मंत्रियों से इस सपने के पीछे का कारण पूछा। तब सभी मंत्रियों ने एक मत हो कर बादशाह अकबर को सलाह दी कि किसी विद्वान पंडित या ज्योतिषि से इस बारे में पूछने पर जबाव मिल सकता हैं।

बादशाह ने अपने मंत्रियों की सलाह मानते हुए तुरंत बड़े-बड़े विद्वान ज्योतिष को सभा में बुलवाया और अपनी सारी परेशानी ज्योतिष को बताई।

ज्योतिषों ने कहा “जहांपनाह, इस सपने का मतलब हैं कि आपके सारे रिश्तेदार आपसे पहले ही मर जायेंगे।”

ऐसा सुनते ही बादशाह अकबर क्रोधित हो जाते हैं और सभी ज्योतिषों को सभा से चले जाने का आदेश दे देते हैं।

बादशाह अकबर ने बीरबल को सभा में आने का आदेश दिया। बादशाह अकबर के आदेशानुसार बीरबल सभा राजदरबार में अपनी उपस्तिथि देते हैं।

बादशाह अकबर बीरबल से पूछते है “बीरबल इस सपने के विषय में तुम्हारी क्या राय हैं?”

कुछ समय सोचने के बाद बीरबल जवाब देते हैं “हुजूर, मेरे अनुसार इस सपने का मतलब तो बहुत ही अच्छा हैं। आप बेवजह चिंतित हो रहे हैं।”

बादशाह खुश हो कर बोले “अच्छा! तो बीरबल जल्दी बताओ, इस सपने का क्या मतलब है।”

बीरबल सपने का मतलब बताते है कि “आपके सभी रिश्तेदारों में आप सबसे अधिक और लम्बे समय तक जीवित रहेंगे।”

यह सुनकर बादशाह अकबर बहुत खुश हुए।

वहाँ सभा में बैठे सभी मंत्री बीरबल से पूछते है कि सभी विद्वान ज्योतिषों ने भी तो यहीं कहा फिर बादशाह क्यों गुस्सा हो गये।

बीरबल ने कहा “किसी भी विचार को बोलने की अलग-अलग शैली होती हैं। किसी के सामने बात को सही तरीके से बोलना चाहिए।” इसके बाद सभी दरबार से चले गये।

इस कहानी से हमे क्या सीख मिलती हैं?

किसी भी समाचार को बोलने के दो तरीके होते हैं। एक साकारात्मक तरीका, जिससे सभी को वो समाचार बुरी होने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता और जब वही सामाचार नाकारात्मक तरीके से बोला जाये तो सभी को बुरा लग जाता हैं। इसलिए हम सभी को कोई भी बात सही ढ़ंग और शैली से बोलना चाहिए।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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