असली चोर कौन (अकबर बीरबल की कहानी) – Asali Chor kaun
एक समय की बात हैं। बादशाह अकबर के राज्य में एक व्यापारी था, जो कि बहुत ही धनी था। उसने अपने घर में 10 नौकरों को रखा हुआ था।
एक दिन वह व्यापारी अपने किसी काम से दूसरे राज्य में जाता हैं और अपने घर की सारी जिम्मेदारी उस दस नौकरों पर छोड़ देता हैं।
व्यापारी जब अपने घर आता हैं तो देखता हैं कि व्यापारी की तिजौरी खाली हैं। घर से बहुत सारे कीमती समान गायब हैं।
व्यापारी नौकरों से सवाल करता हैं “जब घर में चोरी हो रही थी, उस समय तुमलोग कहा थे?”
सभी नौकर कहते हैं “कि हम सो रहे थे।”
व्यापारी को शक होता हैं कि मेरा घर का समान इन्हीं नौकरों ने चुरा लिया हैं।
व्यापारी अपनी समस्या लेकर बादशाह अकबर के दरबार में जाते हैं और अपनी सारी समस्या बादशाह अकबर को कहते हैं।
बादशाह अकबर जानते थे कि इस समस्या का हल केवल बीरबल के पास हैं।
बादशाह अकबर बीरबल से कहते हैं “बीरबल! तुम इस व्यापारी की समस्या का हल ढ़ूढ़ों।”
बीरबल ने कहा “जी! हुजूर! बीरबल ने दरबार के सीपाही को सभी दस नौकरों को जेल में बंद करने का आदेश दिया।”
सिपाही ने तुरंत सभी नौकरों को जेल में बंद कर दिया। फिर बीरबल ने सभी से बारी-बारी चोरी के बारे में पूछा, लेकिन किसी भी ने भी नहीं माना कि चोरी उसने की हैं।
बीरबल ने फिर कुछ सोंचा और दूसरे दिन बीरबल सुबह होते ही सभी दस नौकरों से मिलने जाता हैं और सभी को एक-एक लकड़ी देता हैं।
बीरबल लकड़ी देते हुए नौकर से कहता हैं “यह कोई मामूली लकड़ी नहीं हैं। यह एक जादूई लकड़ी हैं। तुमलोगों में जो कोई भी चोर होगा, उसकी लकड़ी रात भर में दो इंच लम्बी हो जायेगी।
अगले दिन सुबह सभी दस नौकरों को बादशाह के दरबार में लकड़ी के साथ बुलाया जाता हैं तो उसमें से दो नौकरों की लकड़ी दो इंच छोटी होती हैं।
बीरबल ने तुरंत कहा “यही दोनों चोर हैं।”
व्यापारी और राज्य के सभी दरबारी बीरबल के इस जवाब से आश्चर्य में पर गये।
बादशाह अकबर नें बीरबल से पूछा “तुमने कैसे चोर को पकड़ा? तुम्हे कैसे यक़ीन हैं कि यहीं दोनों चोर हैं?”
बीरबल ने कहा “मैने कल सुबह सभी नौकरों को एक-एक छड़ी दी थी और कहा था जो भी असली चोर होगा, उसकी छड़ी रात भर में दो इंच लम्बी हो जायेगी। इसलिए इन दो चोरों ने अपनी लकड़ी ख़ुद से ही दो इंच छोटी कर दी। ताकि लकड़ी अगर दो इंच बड़ी भी हो जाये तो वह पकड़ा ना जा सके।”
और उसकी यही गलती से मैंने उसे पकड़ लिया कि यही दोनों असली चोर हैं।
बीरबल की बुद्धिमता को देख कर दरबार के सभी दरबारी और व्यापारी बीरबल की ख़ूब प्रशंसा की।
इस कहानी से क्या सीख मिलती हैं?
इस कहानी से यह सीख मिलती हैं कि ग़लत कामों को कितनी भी सफ़ाई से किया जाये, वह पकड़ा ही जाता हैं। इसलिए हमें झूठ और ग़लत कामों को नहीं करनी चाहिए।
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