भारतीय रेल हर स्तर पर सुरक्षा का इंतजाम करके रेल चलाती है लेकिन उसके बावजूद दुर्भाग्यवश कई बार रेल दुर्घटना हो जाती है। किसी भी ट्रेन हादसे में सैकड़ों लोग घायल हो जाते हैं। कई लोगों की मृत्यु भी हो जाती है।
ऐसे में मृत व्यक्ति के परिजनों की सहायता के लिए सरकार के द्वारा मुआवजा राशि प्रदान की जाती है। हालांकि मुआवजा कभी भी इस तरह के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है लेकिन दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार की इससे थोड़ी मदद हो जाती है।
किसी भी रेल दुर्घटना में मुआवजा की राशि प्राप्त करने के लिए कई कायदे कानून और नियम होते हैं। इसके लिए आवेदन भी करना पड़ता है तब जाकर मुआवजा मिलता है।
इसलिए आज का यह लेख हम लेकर आए हैं जिसमें हम आपको रेल दुर्घटना में कितनी मुआवजा की राशि मिलती है और किस तरह आवेदन कर सकते हैं उससे संबंधित सारी जानकारी प्राप्त करेंगें।
कितना मिल सकता है मुआवजा
रेलवे बोर्ड के द्वारा जारी परिपत्र में ट्रेन दुर्घटना और अप्रिय घटनाओं में जान गवाने वाले यात्रियों को मिलने वाले मुआवजे को 10 गुना कर दिया गया है। इससे पहले 2012-13 में मुआवजे की राशि में इजाफा किया गया था।
रेलवे बोर्ड के अनुसार यदि ट्रेन दुर्घटना में स्थाई विकलांगता या मृत्यु होने पर 5 लाख तक का मुआवजा मिलेगा। वहीं गंभीर रूप से चोट लगने की स्थिति में 2.5 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाता है।
अगर फाटक पर भी रेलवे की गति से कोई व्यक्ति हादसे का शिकार हो जाता है तो उसे भी मुआवजा दिया जाएगा। साधारण चोट लगने वाली यात्रियों को ₹50000 तक का मुआवजा मिलेगा। आतंकी हमला, ट्रेन में डकैती या हिंसक हमले जैसे अप्रिय घटनाओं में भी यात्रियों को मुआवजा दिया जाएगा।
अगर ऐसी अप्रिय घटनाओं में कोई व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो जाता है तो उसे ₹50000 वहीं मृत व्यक्ति के परिजनों को 1.5 लाख रुपए और साधारण घायल व्यक्ति को ₹5000 तक का मुआवजा मिलेगा।
इतना ही नहीं ट्रेन दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को अतिरिक्त सुविधाएं भी मिलेगी जैसे कि यात्रियों को 30 दिनों से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती कराने पर सारा खर्च सरकार देगी। इसके अतिरिक्त व्यक्ति के घायल होने की स्थिति के आधार पर उन्हें प्रतिदिन 3000, 1500 और 750 रुपए का खर्च मिलेगा।
इन मामलों में मिलता है मुआवजा
रेलवे दुर्घटना में मुआवजा के लिए क्लेम कुछ खास परिस्थितियों में ही किया जा सकता है। रेलवे जिन स्थितियों को दुर्घटना मानता है ऐसे दुर्घटना का शिकार हुए यात्रियों को ही मुआवजा देता है।
रेलवे अधिनियम 1989 के अध्याय 13 के अनुसार अगर कोई चलती ट्रेन पटरी से नीचे उतर जाती है, ट्रेन में डकैती के दौरान कोई घायल हो जाता है या फिर उसकी मौत हो जाती है। किसी आतंकी हमले में यात्री को चोट लगना या फिर मौत हो जाता है, किसी दंगे के कारण घायल या मौत हो जाती हैं, किसी बदमाश के द्वारा ट्रेन में या फिर स्टेशन पर फायरिंग के दौरान कोई घायल या मौत हो जाती हैं, दो ट्रेन के आपस से टकराने पर हुई दुर्घटना में कोई घायल होता है।
तो ऐसी तमाम परिस्थितियों के लिए रेल विभाग जिम्मेदार होता है और घायल व्यक्ति और मृत व्यक्ति के परिजनों को रेलवे विभाग को मुआवजा देना पड़ता है।
इन मामलों में नहीं मिलता है मुआवजा
रेलवे के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर लेता है तो उसके परिवार को कोई भी मुआवजा नहीं मिलेगा।
वहीं अगर कोई व्यक्ति का मानसिक संतुलन खराब हो जाता है, जिससे वह हादसे का शिकार हो जाता है या फिर किसी गैर कानूनी काम को करते समय रेल दुर्घटना का शिकार हो जाता है। तो ऐसे में भी रेलवे विभाग उसके लिए उत्तरदाई नहीं होगी और इन परिस्थितियों में वे मुआवजा के लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं।
मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया
रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 125 के अंतर्गत रेल दुर्घटना का शिकार हुआ व्यक्ति को मुआवजा प्राप्त करने के लिए उनके आश्रित परिजनों को (आरसीटी) रेलवे धावा अधिकरण में आवेदन करना होगा।
- पैसेंजर ट्रेन में दुर्घटना होने के तुरंत ही बाद आरसीटी को रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाना होता है, जिसमें घायल या फिर मृतक व्यक्ति के सभी विवरण दर्ज किए गए होते हैं और फिर दावेदारों को आवेदन पत्र भेजा जाता है।
- क्लेम प्रस्तुत किए जाने के बाद जांच पड़ताल की जाती है। रेलवे मामलों को निपटाने के लिए आरसीटी का हर संभव मदद करता है।
- आरसीटी से नोटिस मिलने के बाद रेलवे को 15 दिन के भीतर लिखित बयान देना होता है।
- क्लेम की राशि को मंजूरी मिलते ही 15 दिनों के अंदर भेजे गए चेक का विवरण कंफर्म करना होता है।
- उसके बाद आवेदक का निवास स्थान, यात्री जहां से टिकट खरीदा वह स्थान, जहां पर दुर्घटना हुई इत्यादि का उल्लेख आवेदन में किया जाना अनिवार्य है।
- रेलवे दुर्घटना के संबंध में मुआवजे के दावों के संबंध में जो भी नियम या प्रक्रिया है, उसका उल्लेख भारतीय रेलवे की वेबसाइट www.indianrailways.gov.in पर उल्लेख किया गया है।