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मूर्ख मित्र – पंचतंत्र की कहानी

मूर्ख मित्र की कहानी (The King and the Foolish Monkey Story In Hindi)

Murkh Mitra Story in Hindi: एक बार एक राजा के पास एक बंदर था। वह बंदर राजा का विश्वासपात्र और सेवक था। उस बंदर को महल में कहीं भी बिना रोक-टोक जाने की आज्ञा थी। वह बंदर राजा की खूब सेवा किया करता था।

The King and the Foolish Monkey Story In Hindi
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एक दिन दोपहर में राजा अपने कक्ष में विश्राम कर रहे थे, और बंदर उनको पंखे से हवा दे रहा था। तभी कहीं से एक मक्खी उड़ती हुई आई और राजा के मुख पर जा बैठी।

बंदर ने उस मक्खी को उड़ाने का खूब प्रयास किए पर वह मक्खी वापस राजा के मुख पर जाकर बैठ जाती थी। बंदर अंत में परेशान होकर पास में पड़ी तलवार हाथ में ली और उस मक्खी पर पूर्ण बल के साथ प्रहार किया।

मक्खी तो वहां से उड़ गई परंतु तलवार के प्रहार से राजा की गर्दन धड़ से अलग हो गई। राजा की मृत्यु हो गई।

शिक्षा: मूर्ख मित्र की अपेक्षा विद्वान शत्रु ज्यादा अच्छा होता है।

॥प्रथम तन्त्र समाप्त॥

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Sawai Singh
Sawai Singh
मेरा नाम सवाई सिंह हैं, मैंने दर्शनशास्त्र में एम.ए किया हैं। 2 वर्षों तक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी में काम करने के बाद अब फुल टाइम फ्रीलांसिंग कर रहा हूँ। मुझे घुमने फिरने के अलावा हिंदी कंटेंट लिखने का शौक है।

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