Laila Majnu Story in Hindi: प्रेम वह शब्द है, जो दो इंसानों को एक ऐसे रिश्ते में बांधता है, जिससे वह उस रिश्ते की कद्र करना और उस इंसान की कद्र करना सीख जाता है। प्रेम किसी से भी हो सकता है अर्थात प्रेम जीव जंतु से भी होता है, प्रेम किसी भी वस्तु से भी हो सकता है और प्रेम अपने परिजनों से भी हो सकता है।
प्रेम की कुछ परिभाषाएं इतनी प्रसिद्ध हो गयी हैं कि दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गई। ऐसी ही एक परिभाषा व कहानी हम आपको कुछ पोस्ट के माध्यम से बताएंगे। इस कहानी को पढ़ने के बाद आपको प्रेम के महत्व का अहसास होगा और आप प्रेम को करीब से महसूस कर पाएंगे।
एक ऐसा प्रेमी जोड़ा जो दुनिया में अपने अपार प्रेम की छाप छोड़ गया था। हां दोस्तों, हम बात कर रहे हैं उस प्रेमी मजनू और उस प्रेमिका लैला की, जिनके बारे में आपने सायद सुना होगा। इन्होंने अपने प्रेम का सफर कहां से शुरू किया और कैसे अपने मंजिल तक पहुँचे, इसके बारे में हम यहाँ पर जानेंगे।
लैला मजनू की प्रेम कहानी | Laila Majnu Story in Hindi
सदियों पुरानी अमर प्रेम कहानी लैला और मजनू की है, जो इस सदी में एक बड़े उदाहरण के रूप में जाने जाते हैं। जिन्होंने बताया कि प्रेम जमीन पर ही नहीं, जन्नत में भी हो सकता है और इन्होंने बताया ही नहीं यह सब करके भी दिखाया है।
अरब के अरबपति शाह अमारी के बेटे कैस की किस्मत में प्रेम करना लिखा था या यह मानो कि ईश्वर ने उसे यह प्रेम करना विरासत में दिया हो। कुछ ज्योतिषियों के अनुसार अरबपति साह आमारी के बेटे कैश की किस्मत की भविष्यवाणी की गई थी। ज्योतिषियों ने बताया था कि कैश एक प्रेम का उदाहरण बनेगा, वह प्रेम में इतना डूब जाएगा कि दुनिया के दु:ख-सुख से अज्ञात हो जाएगा। वह प्रेम के चक्कर में दर-दर भटकेगा, परंतु प्रेम उसे प्राप्त नहीं होगा।
शाह आमारी अपने बेटे कैश की इस किस्मत को बदलने के लिए उन्होंने दर-दर माथा टेका, मस्जिदों पर अपने बेटे की इस किस्मत को बदलने के लिए चादर चढ़ाई, लाखों मन्नते की। परंतु कहा गया है ना “जो लिख गया है तो बदल नहीं सकता”
साह आमरी जी ने अपने बेटे को इस मोह जाल से बचाने के लिए घर से बाहर नहीं भेजते थे। परंतु उन्हें मदरसे में जाना पड़ता था। लेकिन उनके साथ कुछ लोग भी जाते थे, जो उनके रखवाले होते थे। मदरसे में ही अरबपति साह आमारी के पुत्र कैश की नजर बर्कशाह की बेटी लैला पर पड़ी। उसे देखकर कैश पहली नजर में उसका आशिक हो गया।
मौलवी द्वारा लाख समझाने के बावजूद कैश न माना। मौलवी ने कैश को पढ़ाई करने के लिए कहा। उन्होंने कहा आप इस प्रेम को भूल कर अपनी पढ़ाई में ध्यान दें। लेकिन प्रेम करने वाले इन सब बातों को कहां मानते हैं, वह एक सब्जेक्ट की तरह अपने प्रेम को ध्यान देते हैं और ऐसा ही कुछ दिनों तक चलता रहा। कैश का प्रेम लैला पर भी छा गया।
कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा। लेकिन अब दुनिया को पता चल चुका था कि लैला और कैश की प्रेम कहानी एक नए मोड़ पर आ गई है। नतीजा क्या हुआ लैला को उसके पिता द्वारा उसके घर में कैद कर दिया गया और कैश, उन ज्योतिष शास्त्रियों की भविष्यवाणी के अनुसार लैला की याद में, उसके गलियों के चक्कर लगाने लगा, दर-दर भटकने लगा। लोगों ने इसके प्रेम का भूत देखकर एक नए नाम से पुकारा “मजनू” और यहीं से कैश का नाम मजनू पड़ गया।
लैला और मजनू प्रेम के पर्यायवाची बन गए, इनको एक बड़े उदाहरण के रूप में जाना जाता है।
यह भी पढ़े: हीर रांझा के अद्भुत प्रेम की सच्ची दास्तान
लैला और मजनू को अलग करने की लाखों कोशिशें की गई परंतु यह सारी कोशिशें बेकार रही। लैला और मजनू एक दूसरे के प्रेम में इतना खो गए थे कि उनको लाज और शर्म की कोई फिक्र नहीं थी। ऐसा कहा जाता है कि लैला की शादी भी बक्त नामक एक इंसान से की गई। परंतु लैला और उनके शौहर बक्त का रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला।
लैला ने अपने शौहर बख्त से साफ-साफ कह दिया कि वह सिर्फ मजनू से प्रेम करती है और उसी को अपना शौहर मानती है। वह मजनू के सिवाय किसी को भी खुद को छूने नहीं देगी। तभी बख्त ने लैला को तलाक दे दिया और लैला भागकर अपने शहर आ गई।
सड़कों पर अपने आशिक मजनू को पुकारने लगी। जब मजनू मिला तो दोनों प्रेमपास में डूब गए लेकिन लैला की मां ने लैला को ले जाकर अपने घर में कैद कर दिया। यह वियोग लैला सह नहीं पाई और उसने अपने प्राण त्याग दिए। यह खबर सुनते ही मजनू की आंखों में आंसू आ गए और जोर से चीखने लगा, कुछ समय पश्चात मजनू ने भी दुनिया से विदा ले ली।
तो इस प्रकार लैला और मजनू जन्नत में जाकर एक दूसरे को मिल गए। लैला और मजनू की मृत्यु के बाद लोगों ने जाना कि उनका प्रेम कितना गहरा और कितना अजीब था। उनके प्रेम में कितनी सच्चाई थी, वह एक दूसरे से कितना सच्चा प्रेम करते हैं थे।
आज भी जब प्रेम की बात की जाती है या यह कहे कि सच्चे प्रेम की बात की जाती है तो लैला और मजनू का नाम आवश्य आता है। लैला और मजनू को एक साथ एक ही कब्र में दफनाया गया था। समय की गति के कारण उनकी कब्र तो पूरी तरह से नष्ट हो गई। लेकिन लैला और मजनू द्वारा दी गई, अपनी प्रेम की कहानी को अजर और अमर कर दिया।
हम उम्मीद करते हैं कि यह कहानी आपको प्रेम का अर्थ समझाने में मददगार रही होगी। यह लैला मजनू की कहानी (Laila Majnu ki Kahani) कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
यह भी पढ़े
प्यार की दर्द भरी दास्तां (सच्ची कहानी)