कुलधरा से भी ज्यादा भूतिया जगह है यह, जहां होती है अजीबोगरीब रहस्यमई घटनाएं, यहां से श्रीलंका दिखता है साफ-साफ
भूत पिचास पर भरोसा करने वाले लोगों की संख्या भारत में काफी ज्यादा है। कुछ लोग भूतों के अस्तित्व पर भरोसा करते हैं। उनका मानना है कि भूत होते हैं और इंसानों को अपने अस्तित्व का एहसास भी कराते हैं। तो कुछ लोगों का मानना है कि भूत पिचास नहीं होते हैं।
लेकिन भारत में कई ऐसी जगहे हैं, जहां पर भूतों का बसेरा माना जाता है और आज हम आपको ऐसे ही एक जगह के बारे में बताने वाले हैं, जिसे दुनिया का सबसे भूतिया जगह माना जाता है। वह जगह है धनुषकोडी।
कहां है धनुषकोडी?
धनुषकोडी तमिलनाडु राज्य में पूर्वी तट पर रामेश्वरम द्वीप के दक्षिण में स्थित है। धनुषकोडी पाक जल संधि के बालू के टीले पर मौजूद है, जिसकी लंबाई केवल 50 गज है। इसी कारण इसे विश्व के लघुत्तम स्थान में से एक माना जाता है। इस जगह से श्रीलंका को भी देखा जा सकता है।
धनुषकोडी रामेश्वरम से 15 किलोमीटर दूर है और वहां से यहां का रास्ता बहुत ही सुनसान है। दिन के समय लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं लेकिन शाम होते-होते यहां से लोगों को वापस भेज दिया जाता है। क्योंकि रात में यहां पर अजीबोगरीब रहस्यमई घटना होती है।
क्यों है धनुषकोडी भूतिया जगह?
धनुषकोडी को दुनिया के सबसे भूतिया जगह में से एक माना जाता है लेकिन आज से लगभग 100 साल पहले ऐसा नहीं था। 1964 से पहले यहां भी लोगों की बस्ती हुआ करती थी। यहां पर होटल, चर्च, पोस्ट ऑफिस, रेलवे स्टेशन और अस्पताल हुआ करते थे।
22 दिसंबर 1964 की रात को इस गांव में 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्रवात ने दस्तक दी और फिर क्या इस भयंकर तूफान में इस गांव के तकरीबन 1800 से भी ज्यादा लोग शिकार हो गए। कहा जाता है कि इस चक्रवात के दौरान 100 से भी अधिक पैसेंजर वाली एक ट्रेन समुद्र में डूब गई थी।
इस चक्रवात में काफी जान माल का नुकसान हुआ था। इसके बाद यहां पर काफी अजीबोगरीब घटनाएं नोटिस की गई। लोगों को यहां पर तरह-तरह की आवाज़े सुनाई देती है। शाम होने के बाद पैरानॉर्मल एक्टिविटीज का एहसास होता है।
यही कारण है कि लोग रात होते-होते इस जगह को खाली कर देते हैं और फिर यह जगह सुनसान हो जाती है। लेकिन अभी तक इस जगह पर होने वाली पैरानॉर्मल एक्टिविटीज का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। कुछ लोग इसे निराधार बताते हैं। मद्रास सरकार के द्वारा इस जगह को रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
कैसे हैं रामायण से संबंध?
धनुषकोडी का संबंध रामायण काल से भी बताया जाता है। कहा जाता है कि यह वही जगह है, जहां पर भगवान श्री राम ने हनुमान जी को लंका जाने के लिए रामसेतु के निर्माण करने का आदेश दिया था और सभी वानर सेना यही से गुजर कर लंका में प्रवेश कर सकी थी।
कहा जाता है कि विभीषण ने भगवान श्री राम से निवेदन किया था। जिसके कारण भगवान श्री राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया जिसके बाद इस जगह का नाम धनुषकोडी पड़ गया। तमिल में सिरा को कोडी कहा जाता है।