आधी धूप आधी छाँव (अकबर बीरबल की कहानी)
आधी धूप आधी छाँव (अकबर बीरबल की कहानी) – Aadhi Dhoop aadhi chaaon एक समय बात है। बादशाह अकबर को बीरबल की कोई बात बहुत ग़लत लगती हैं। तो बादशाह अकबर ने बीरबल को गुस्से में आकर राज्य से जाने
आधी धूप आधी छाँव (अकबर बीरबल की कहानी) – Aadhi Dhoop aadhi chaaon एक समय बात है। बादशाह अकबर को बीरबल की कोई बात बहुत ग़लत लगती हैं। तो बादशाह अकबर ने बीरबल को गुस्से में आकर राज्य से जाने
सबसे अच्छा शस्त्र (अकबर बीरबल की कहानी) -Sabse achha sashtra बादशाह अकबर महान राजा होने के साथ-साथ बहुत ही मनोरंजक प्रवृति के व्यक्ति भी थे, अपने मंत्री और दरबारियों के साथ मसखरी करने के लिए अक्सर वे उनसे प्रश्न पूछा
दो गधों का बोझ (अकबर बीरबल की कहानी) – Do gadho ka bojh एक दिन बादशाह अकबर और उनके पुत्र अपने राज्य में भेष बदल कर घूमने की योजना बनाई। लेकिन बादशाह अकबर और उनका पुत्र किसी को इस
जितनी चादर हो उतना ही पैर पसारना (अकबर बीरबल की कहानी) – Jitni chadar ho utna hi per pasarana बादशाह अकबर के दरबार में एक दिन बीरबल को आने में देर हो जाती हैं तो बादशाह अकबर के दरबार के
धोखेबाज काजी (अकबर बीरबल की कहानी) – Dhokhebaaz Kazi एक बार मुगल दरबार में बड़े ही गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही थी। बादशाह अकबर अपने मंत्रियों से सलाह मशवरा कर रहे थे, तभी एक फरियादी किसान उनके दरबार में
हमेशा सोच समझ कर काम करो (Ill Considered Actions First Story In Hindi) दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध नगर पाटलिपुत्र में मणिभद्र नाम का एक धनिक महाजन रहता था। लोक सेवा और धार्मिक कार्यों में निहित रहने के कारण मणिभद्र
बादशाह अकबर और एक तोता (अकबर बीरबल की कहानी) – Badshaah Akbar aur ek Tota शहंशाह अकबर बहुत दयालु राजा थे। उन्हे जानवरों से बहुत स्नेह था। एक बार की बात है, राजा अपने मंत्रियों के साथ बाजार भ्रमण पर
(व्यापारी के पुत्र की कहानी) Story of the Merchant’s Son Story In Hindi प्राचीन समय में किसी नगर में सागर दत्त नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। वह स्वभाव से थोड़ा कंजूस था। एक बार उसके पुत्र ने एक
एक जादू वाला गधा (अकबर बीरबल की कहानी) – EK Jadoo wala gadha एक बार की बात हैं। बादशाह अकबर ने अपनी पत्नी के लिए उपहार लेने की सोच रहे थे। जब बादशाह की पत्नी का जन्मदिन आया तो बादशाह
सब की सोच एक जैसी (अकबर बीरबल की कहानी) – Sab ki sonch ek jaisi एक समय की बात है। राजा अकबर बहुत दिनों से किसी ख़ास विषय पर सोच विचार कर रहे थे। जब उस विषय पर कोई निष्कर्ष