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आईपीसी धारा 504 क्या है?, पूरी जानकारी

Dhara 504 Kya haiभारतीय दंड संहिता IPC ( Indian penal code ) भारत में होने वाले अपराधों की परिभाषा और उसकी दंड का प्रावधान करती है। आईपीसी में कुल 511 धाराएं हैं और सभी धाराएं अलग-अलग अपराधों की परिभाषा देती है और उसी के अनुसार गुनहगार को सजा दिया जाता है।

वैसे हम में से ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाता है या किसी भी तरह से घायल करता है तभी उस पर केस बन सकता है लेकिन सामने वाला व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को गाली गलौज कर के या अपमान करके गुनाह करने के लिए उकसाता है तो, उसके लिए भी उसे सजा दिया जाता है।

Dhara 504 kya hai
Image: Dhara 504 kya hai

जी हां आईपीसी का धारा 504 के अंतर्गत अपमान गाली गलौज करने वाले लोगों के लिए भी सजा का प्रावधान है। आज हम इस लेख में इसी धारा के बारे में विस्तार से जानेंगे कि आखिर यह 504 धारा क्या है? और इसके अंतर्गत किस तरह की सजा सुनाई जाती है?

धारा 504 क्या है? | Dhara 504 Kya hai

धारा 504 का विवरण

आईपीसी की धारा 504 उस व्यक्ति पर लगाया जाता है जो किसी अन्य व्यक्ति को अपमानित करके या गलत शब्दों के जरिए गुनाह करने के लिए उकसाता है। यदि वह व्यक्ति जानबूझकर उस व्यक्ति को उकसा रहा है यह जानने के बावजूद कि उकसाने के बाद वह व्यक्ति कुछ बड़ा गुनाह कर सकता है तो, ऐसे में पुलिस अपराध करने वाले व्यक्ति को सजा तो सुनाती है लेकिन उकसाने वाले व्यक्ति पर धारा 504 लगाती है।

इस तरह धारा 504 किसी भी व्यक्ति के द्वारा अपमानकारी भाषा या शब्द, गाली गलौज के प्रयोग के विपरीत उपचार देती हैं। अब यह धारा उस व्यक्ति पर तभी लगाया जाता है जब उस व्यक्ति के द्वारा प्रयोग किए गए शब्दों से सामने वाला व्यक्ति कोई बड़ा गुनाह कर डाले। व्यक्ति के शब्दों में मात्र अश्लील बोधक शब्द है और उसके शब्दों का सामने वाले व्यक्ति पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ रहा है तो ऐसे में उस व्यक्ति पर धारा 504 नहीं लगाया जा सकता।

धारा 504 में सजा के प्रावधान

बात करें धारा 504 में सजा के प्रावधान कि तो भारत के दंड संहिता की धारा 504 में वर्णित है कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उकसाने के इरादे से उसका अपमान करता है और यदि अपमानित व्यक्ति क्रोध में आकर कुछ अपराध करता है तो, अपमान करने वाले व्यक्ति पर न्यायालय एक अवधि के लिए कारावास की सजा सुना सकती है। यह 2 वर्षों तक भी बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाता है या फिर दोनों का ही दंड दिया जा सकता है।

जब किसी भी व्यक्ति के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को उकसाने का आरोप लगता है और उस पर धारा 504 लगाया जाता है तो, यह अपराध उसका एक जमानती और गैर संज्ञेय अपराध होता है जो आगे चलकर बड़े अपराध का कारण भी बन सकता है। इसीलिए न्यायालय बहुत सोच विचार कर निर्णय लेती है। इस तरह यह किसी भी न्यायाधीश के द्वारा विचारणीय होता है।

इस अपराध में दोनों पक्षों में समझौता भी हो सकता है। यदि अपमानित व्यक्ति चाहे तो समझौता भी कर सकता है और अपमान करने वाले व्यक्ति की सजा को रूकवा भी सकता है।

किस तरह के अपमानित शब्दों के लिए धारा 504 लगाई जाती है?

आपने यह तो जान लिया कि धारा 504 अपमानजनक शब्दों के प्रयोग के लिए लगता है लेकिन आखिर यह समझना भी जरूरी है कि अपमान शब्द का वास्तव में क्या अर्थ है? जो इतना गंभीर हो सकता है कि किसी व्यक्ति को अपराधिक अपराध करने के लिए उत्तरदाई बना सकता है।

किसी भी व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाना, गाली गलौज करना, उसके परिवार को नीचा दिखाना यह गतिविधियां उस व्यक्ति को अपमानित करती हैं। यहां तक कि दैनिक रूप से बोले जाने वाले अपमानजनक शब्द जैसे कि मूर्ख, मंदबुद्धि भी इस धारा के अंतर्गत अपराध माना जाता है। हालांकि यह तभी अपराध होगा जब कोई अन्य व्यक्ति इन शब्दों के कारण अपमानित होकर अपराध कर बैठे।

इस तरह भले ही आपके लिए कुछ अपमानित शब्द सामान्य रूप से बोले जाते हो लेकिन यदि उस शब्द का किसी अन्य व्यक्ति को उकसाने के उद्देश्य से प्रयोग किया जा रहा है तब धारा 504 के अंतर्गत यह अपराध माना जाएगा।

उदाहरण के लिए यदि कोई किसी व्यक्ति को पागल मूर्ख जैसे अपमानित शब्द से चिढ़ाता हैं लेकिन उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यदि इसी शब्दों के प्रयोग से कोई अन्य व्यक्ति क्रोध और आवेश में आकर अपराध कर लेता है तब अपमानजनक शब्दों के प्रयोग करने वाले व्यक्ति पर धारा 504 के अंतर्गत उसे भी सजा सुनाई जा सकती हैं।

धारा 504 का उद्देश्य

इस धारा का उद्देश्य समाज में लोग शांति बनाए रखना, कानून की व्यवस्था को सुरक्षित रखना और किसी भी व्यक्ति की गरिमा को सुरक्षित रखना है। यह धारा किसी भी व्यक्ति को अपमानजनक शब्दों के सामने रक्षण देता है जो किसी भी व्यक्ति को हिंसा करने के उद्देश्य से उकसा सकता है। इस धारा का उद्देश्य समाज में धार्मिक अपमान से सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर रोक लगाना है।

FAQ

IPC और CrPc में क्या अंतर है?

आईपीसी जिसे इंडियन पेनल कोड कहा जाता है यह भारत में होने वाले अपराधों की परिभाषा और उन अपराधों के लिए क्या सजा दी जानी चाहिए उसका प्रावधान करता है। लेकिन यदि किसी भी कैदी को सजा सुना दिया जाता है तो उस सजा की जो प्रक्रिया होती है वह सीआरपीसी( क्रिमिनल प्रोसीजर कोड ) में लिखी गई होती है।

भारतीय दंड संहिता में कुल कितने धारा है?

भारतीय दंड संहिता में कुल 511 धाराएं हैं, जिन्हें 23 चैप्टर के द्वारा परिभाषित किया गया है।

क्या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना अपराध है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अनुसार अपमानजनक शब्दों के प्रयोग से यदि शांति भंग होती है और जानबूझकर किसी भी व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाने के उद्देश्य से प्रयोग किया जाता है तब यह अपराध माना जाता है।

धारा 504 का उपयोग क्या है?

बहुत बार इस धारा का सहारा खून करने के अपराधों में आरोपी की सजा को कम करने के लिए लिया जाता है ताकि इस धारा के सहारे ऐसा साबित किया जा सके कि उस व्यक्ति ने जानबूझकर अपराध नहीं किया है बल्कि किसी अन्य व्यक्ति के उकसाने पर यह अपराध किया है इसीलिए उसकी सजा कम होनी चाहिए।

धारा 504 में कौन सी सजा होती है?

धारा 504 के अंतर्गत अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को एक अवधि की सजा सुनाई जाती है इस सजा को न्यायालय के द्वारा बढ़ाया भी जा सकता है। उस व्यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष

इस तरह आज के इस लेख में अपने भारत के दंड संहिता की धारा 504 क्या है?(Dhara 504 Kya hai) के बारे में जाना। आपने इस लेख में धारा 504 क्या होता है और इस धारा के अंतर्गत कौन सी सजा का प्रावधान है? उसके बारे में जाना।

हमें उम्मीद है कि इस धारा के बारे में आपको सभी जानकारी मिल गई होगी हालांकि जरूरी नहीं कि जो कानून की पढ़ाई करें उन्हीं लोगों को इन सब चीजों की जानकारी होनी चाहिए। आम नागरिकों को भी कानून के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वह गलत करने वाले व्यक्ति को सजा दिला सके। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें।

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